कृषि के काले बिलों के विरोध में मनाया रोष दिवस
धारुहेड़ा: सुनील चौहान। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में तीनो काले कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर आहूत देशव्यापी “रोष दिवस” पर शहीद भगत सिंह यादगार कमेटी धारुहेड़ा के अध्यक्ष सोशल एक्टिविस्ट कामरेड रमेश चंद्र एडवोकेट ने गांव फदनी में अपने आवास पर विरोध स्वरूप काला झंडा फहराया और परिवार सहित किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार से तीनों काले कृषि कानूनों को रद्द करने, समर्थन मूल्य पर कानून बनाने व जनविरोधी बिजली संशोधन बिल वापिस लेने की मांग दोहराई।
रमेश चंद्र एडवोकेट ने कहा कि केंद्र सरकार को अपना अहंकार त्याग कर किसानों व आम जनता के हित में इन कानूनों को तुरंत वापिस लेते हुए महामारी से काल का ग्रास हो रही आम जनता के जीवन को बचाने के लिए पर्याप्त दवाई, इलाज,ऑक्सीजन व अस्पतालों का बंदोबस्त करने पर ध्यान देना चाहिए। जनता को इस महामारी में उनके हाल पर छोड़ना अपराधिक कार्यवाही की श्रेणी में आता है। लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार को जनहित में कदम उठाने चाहिए ना कि आत्मसम्मान का मुद्दा बना कर उसे आंख बंद कर लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन सैकड़ों किसान शहीद हो चुके हैं और प्रधानमंत्री जी बेशर्मी से कॉरपोरेट घरानों के हित में इन कानूनों को लागू करने पर अड़े हुए हैं।जो कि अत्यंत निंदनीय व जनविरोधी है। इस मौके पर कामरेड़ रमेश चंद्र एडवोकेट, कविता चन्द्र, रजनीश पंवार व रितेश चन्द्र आदि ने विरोध स्वरूप काला झंडा फहराया और मांग पट्टिका प्रदर्शित की।